मंगलवार, 31 जुलाई 2007

आज मॆं रहे - भाग - 3

फिर सवाल उठता है कि जिस व्यकिति के पास ढेर सारा काम हो और समय की कमी हो तो उसे आज में रहना किस प्रकार फ़ायदेमंद रहेगा. तो फिर से इसका जवाब है आज में रहना. इसका मतलब है कि एक वक्त पर एक काम. अगर आप अपना दिन शुरु करते है तो आपके पास १०० काम होगें. आप एक काम को हाथ में लेकर शुरु हो जायें और तब तक उसी में लगें रहे जब तक वह काम खत्म ना हो जायें. और आपको अपना सारा ध्यान, शक्ति, उर्जा उसी काम में लगाना है. इस तरह से आपका काम ना बल्कि तेजी से निपटेगा बल्कि उसकी क्वालिटी भी बङिया होगी. इस तरह से आपका दिमाग और समय काम तो निपटानें में बीतेगा न कि इस चिन्ता में बीतेगा कि इतना सारा काम पङा है मैं इस काम को कैसै निपटाऊ. मेरे ख्याल से सिर्फ़ यही एक उपाय है जिसकी सहायता से आज के दॊर में शांन्ती के साथ रह सकते है.

मैं इस समय ३० दिन के ट्रायल (trial) पर "आज में रहना" को शुरु कर रखा है और पहले दिन से ही मुझे इसका फ़ायदा मिल रहा है. मैं आपके साथ ३० दिन के ट्रायल के रिजल्ट (result) जो मेरी स्थूल जीवन (physical life), मानसिक जीवन (mental life), सामाजिक जीवन (social life) तथा धार्मिक जीवन (spiritual life) में हुयें है उन्हें में आप के साथ इस ब्लाग में शेयर (share) करुगां. मैं बङी उत्सुक्ता से आप की "आज में रहना" के बारे में बुद्दी से भरपूर तथा जीवन का मार्गद्र्शन करने वाली बातों का स्वागत करता हुं.

sanjay sharma, india
sanjaysharma71@gmail.com

6 टिप्‍पणियां:

Sanjay Tiwari ने कहा…

अपने ब्लाग को चिट्ठाजगत, हिन्दी ब्लाग्स, नारद या फिर ब्लागवाणी में रजिस्टर करवाएं. आपको नये पाठक मिलेंगे.

बेनामी ने कहा…

धन्यवाद बंधु आगमन का
bhor.wordpress.com

Shastri JC Philip ने कहा…

आज पहली बार आपके चिट्ठे पर आया एवं आपकी रचनाओं का अस्वादन किया. आप अच्छा लिखते हैं, लेकिन आपकी पोस्टिंग में बहुत समय का अंतराल है. सफल ब्लागिंग के लिये यह जरूरी है कि आप हफ्ते में कम से कम 3 पोस्टिंग करें. अधिकतर सफल चिट्ठाकार हफ्ते में 5 से अधिक पोस्ट करते हैं. किसी भी तरह की मदद चाहिये तो मुझ से संपर्क करे webmaster@sararhi.info -- शास्त्री जे सी फिलिप

मेरा स्वप्न: सन 2010 तक 50,000 हिन्दी चिट्ठाकार एवं,
2020 में 50 लाख, एवं 2025 मे एक करोड हिन्दी चिट्ठाकार!!

राजीव जैन ने कहा…

अच्‍छा लिखते हो बॉस

हिंदी टाइपिंग स्‍लो होने से शायद परेशानी हो रही होगी

वैसे क्‍या करते हैं कुछ परिचय तो लिखो

Sanjeet Tripathi ने कहा…

शुभकामनाएं व विलंबित स्वागत!

अनिल रघुराज ने कहा…

अच्छा सोचते हैं। लिखते रहिए।